जब भी हम निवेश करने का सोचते हैं तो सबसे पहली मुश्किल जो लगभग सभी के सामने आती है वो ये है कि लोगों को समझ ही नहीं आता कि बचत करनी किस चीज के लिए है। उसके बाद धीरे-धीरे अपनी जीवन शैली के हिसाब से हम अपने पैसे और निवेश को लेकर एक समझ बनाते हैं। हम सब जानते हैं कि परिवार बढ़ने के साथ ही हमारे सामने बहुत सी वित्तीय जरूरतें आती हैं और हमे लगता है कि समय के साथ- साथ हमारे फाइनेंसियल लक्ष्य तो बढ़ते जा रहे हैं पर हमारी आमदनी उतनी नहीं है कि हम इन जरूरतों, इन लक्ष्यों के हिसाब से बचत कर सकें।

वास्तविक चुनौती क्या है

एक ऐसा देश जिसमें कामकाजी जनता का केवल 1.6% हिस्सा ही महीने में 50,000 रुपए से ज्यादा कमाता हो, ऐसे में हर एक वित्तीय जरूरत को पूरा करना एक बहुत बड़ी चुनौती है। ऐसे में आपकी ज्यादातर शुरूआती आमदनी इमरजेंसी फंड जुटाने में चली जाती है। एक बार शादी होने के बाद अपना नया घर खरीदने और उसे अच्छे से सजाना, संवारना आपकी प्राथमिकता बन जाते हैं। इन सब के साथ जैसे ही आपके बच्चे का जन्म होता है तो बचत करना कहीं ना कहीं और मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जैसे-जैसे आपके सामने कोई भी जरूरत आती रहती है आप उसे पूरा करने में लग जाते हैं। 

1. अकेले के बजाय जैसे ही आपका परिवार बढ़ता है आप आपातकालीन स्थिति के लिए ज्यादा पैसा जोड़ना शुरू कर देते हैं। 

2. घर खरीदने के लिए अग्रिम भुगतान करने के लिए पैसा बचाना। 

3. बच्चों की स्कूल की फीस। 

4. छुट्टियों के लिए पैसा जमा करना। 

5. बच्चों की कॉलेज की फीस। 

6. रिटायरमेंट के लिए पैसा जोड़ना। 

चाहे हम कितना ही पैसा बचाना चाहें पर फिर भी हमेशा ऐसे खर्च को प्राथमिकता देनी ही पड़ती है जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा हम देखें तो इन सब खर्चों को अनदेखा किया भी नहीं जा सकता है। जैसे कि बच्चों की फीस या कार लोन, घर की क़िस्त आदि पर खर्च करना विकल्प नहीं है बल्कि अनिवार्य है। 

ऐसे मामलों में किसी एक जरूरत के लिए बचत करना भी मुश्किल सा लगता है, ऐसे में क्या करें?

पहली अपनी प्राथमिकताएं जानें

कुछ चीजें हमेशा दूसरों की अपेक्षा जरूरी होती हैं, जैसे कि जो चीज आपकी सुरक्षा या आपकी सेहत से जुड़ी हैं या आपके परिवार से सम्बंधित हैं, वे हमेशा आपकी लिस्ट में ऊपर रहेंगी । ऐसे में आप कैसे सब चीजों को अच्छे से करने के लिए आप ये तरीका अपना सकते हैं-

1.अचानक से आने वाली जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा होना एक ऐसा लक्ष्य है।

यह तब और भी महत्वपूर्ण है जब आप ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं। लिक्विड फंड या फिक्स्ड डिपॉजिट में अपनी कम से कम 4 महीने की आमदनी के बराबर बचत करने को प्राथमिकता दें। इस पैसे का इस्तेमाल आप कभी भी किसी भी अचानक से आई जरूरत को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। याद रखें कि यहां ये बिलकुल भी मायने नहीं रखता है कि आप 5% बचा रहें हैं, 10% या 20%, आपका सबसे पहला लक्ष्य होना चाहिए कि आप ये बचत करना शुरू करें। एक बार इस आपातकालीन फंड जमा होने के बाद आप अपने बाकि जरूरतों के लिए पैसा जमा कर सकते हैं। 

2. एक बार आपातकालीन फंड जमा होते ही अपनी रिटायरमेंट के लिए पैसा जोड़ना शुरू कर दें।

आपको लगेगा कि अभी तो आपको बच्चों की फीस भरनी है, नए घर के लिए पैसा जमा करना है या अगली छुट्टियों में घुमने का प्लान बनाना है,  तो अभी से रिटायरमेंट के लिए बचत कैसे कर सकते हैं। तो ध्यान रहे कि खुद के लिए पैसा जमा करना सबसे ज्यादा जरुरी है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे आपकी रिटायरमेंट के बाद आपकी हर जरूरतों के लिए पैसा दे देंगें तो ठीक है, अगर नहीं तो रिटायरमेंट के लिए बचत करना आपका बहुत बड़ा लक्ष्य होना चाहिए।

रिटायरमेंट के लिए बचत करने में आपको एक फायदा है कि इसके लिए आपके पास बहुत समय होता है। अपनी सैलरी का एक हिस्सा जमा करना शुरू कर दें। और साथ ही अच्छी बात ये है कि इसके लिए आपको बहुत ज्यादा जमा करने की जरूरत भी नहीं है।

इक्विटी फंड में हर महीने 10,000 रुपए की SIP, जो लगभग हर साल 10% तक बढ़ जाती है, से शुरूआत करें और ऐसा करने से अगर आप 30 साल बाद रिटायर होते हैं तो आपके पास लगभग 60 साल की उम्र में 6 करोड़ रुपए की बचत होगी। 

3. एक बार अपनी रिटायरमेंट के लिए बचत करना शुरू कर दें तो दूसरे लक्ष्य पर ध्यान दें।

अब आप सब अपनी पसंद से कर सकते हैं। अगर आप घर खरीदना चाहते हैं तो उसके अग्रिम भुगतान के लिए बचत करना शुरू कर दें। इसके अलावा बच्चे की कॉलेज की फीस के लिए भी आप इस समय से बचना शुरू कर सकते हैं। 

हमेशा एक बात ध्यान में रखें कि जितना ज्यादा दूर आपका वित्तीय लक्ष्य होगा , उसके लिए आप जितना जल्दी जमा करना शुरू कर देंगें उतना ही अच्छा है, क्योंकि आपको उसके लिए थोड़ा-थोड़ा ही जमा करना पड़ेगा।  जैसे कि आपका लक्ष्य 5 साल दूर है तो आपको ज्यादा जमा करना पड़ेगा।

याद रखें कि वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए हर छोटे से छोटा कदम जरूरी है।